समर तोषू और पाखी कहते हैं अब जमाना बदल गया है अब जूते नहीं चुराए जाते मोबाइल फोन चुराया जाता है अनुज अपने पास देखता है उसे उसका फोन कहीं नहीं मिलता सब बच्चे ₹51000 की मांग करते हैं अनुज कहता है कि वह 91000 देगा बस फोन को कुछ नहीं होना चाहिए|
अनुज अनुपमा फेरों के लिए जाते हैं तभी पंडित लड़की के मां-बाप को कन्यादान के लिए बुलाते हैं.बा और बापूजी कन्यादान के लिए आते हैं बाबहुत इमोशनल हो जाती है|
और अनुज अनुपमा को मंगलसूत्र पहना जाता है पंडित कहते हुए शादी संपन्न हुई वह दोनों सभी के आशीर्वाद लेते हैं सब उन्हें बहुत सारे आशीर्वाद देते हैं लेकिन बा कहती है कि
अनुपमा ने अपने प्रेम सेवा कब उसके दिल में अपनी जगह बना ली उसे पता भी नहीं चला और कहती है कि सास हो तो मेरी सास कैसी और बहू हो तो मेरी बहू जैसी मेरे जैसी कोई ना हो