दोस्तों आज का एपिसोड बहुत ज्यादा इमोशनल होता है जहां दिखाया गया है कि कैसे ससुर पिता बना और कैसे पिता आपकी बेटी के लिए बिना अपनी जान की परवाह किए हुए भी उसकी खुशियों के बारे में सोच रहा है
अनुपमा अकेली छत पर बैठकर बहुत होती है कि उसे कैसे नहीं पता चला कि बापू जी की तबीयत इतनी खराब है तभी अनुज आता है और उसे सांत्वना देता है.
वह दोनों बात कर ही रहे होते हैं कि तभी अचानक बापूजी को होश आ जाता है और समर अनुपमा को बापू जी के पास बुलाता है अनुपमा बापूजी से आकर माफी मांगती है कि यह सब उसकी वजह से हुआ है.
बा अनुपमा वनराज तीनों मिलकर बापूजी को हॉस्पिटल चलने के लिए मनाते हैं लेकिन बापूजी किसी भी कीमत पर अस्पताल जाने के लिए राजी नहीं होते वह बहुत बार समझाते हैं लेकिन बाबूजी जिद पर अड़े हैं.
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अनुपमा को बार-बार शादी करने के लिए मनाते हैं आखिरकार अनुपमा को ही अपनी जिद छोड़नी पड़ती है वह सब को बुलाते हैं और कहते हैं कि कल शादी है जल्दी-जल्दी तैयारियां करना शुरू कर दो.
बापूजी अनुज और अनुपमा का हाथ एक दूसरे के हाथ में देते हैं इधर वनराज और बार इस बात से बहुत चिढ़ रहे हैं.