अनुपमा यह सोचकर रोती है कि वह वह जगह छोड़ रही है जहाँ उसने बहू के रूप में प्रवेश किया था। हसमुक ने अनुज और अनुपमा को अलविदा कहने से पहले शाह को रस्म शुरू करने के लिए कहा।
लेकिन आज वह इतना रो रहा है। लीला बताती है कि अनुपमा के न होने पर समर हमेशा इमोशनल हो जाता है। अनुज ने समर को भी सांत्वना दी। समर अनुपमा के लिए एक नोट लिखता है।
वनराज ने अनुपमा और अनुज को उपहार दिया। वह उनके अच्छे जीवन की कामना करते हैं। हसमुक अनुज से अनुपमा को खुश रखने के लिए कहता है। अनुज का कहना है कि वह अपने स्तर पर पूरी कोशिश करेंगे।