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https://www.dailyhindihelp.com/wp-content/plugins/dmca-badge/libraries/sidecar/classes/ Monkeypox: मंकीपॉक्स के लक्षण,कैसे बचा जा सकता है - Dailyhindihelp

दुनियाभर के देश अब भी कोरोना वायरस महामारी से लड़ रहे हैं। इस वायरस के मामले भारत में भी एक बार फिर बढ़ते दिख रहे हैं। इसका ख़तरा अभी टला नहीं है कि एक और नया वायरस सामने आया है।  

रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन में मंकीपॉक्स वायरस का एक मामला देखा गया है। जिस शख्स में इस वायरस की पुष्टि हुई है वह हाल ही में नाइजीरिया से आया था। बताया जा रहा है कि यह वायरस चूहे जैसे संक्रमित जीवों से मनुष्य में फैलता है।

क्या है मंकीपॉक्स?

यह एक दुर्लभ बीमारी है जो मंकीपॉक्स वायरस के संक्रमण के कारण होती है। यह ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस से संबंधित है जिसमें वेरियोला वायरस (जो चेचक का कारण बनता है), वैक्सीनिया वायरस (चेचक के टीके में प्रयुक्त), और काउपॉक्स वायरस शामिल हैं।

मंकीपॉक्स के लक्षण क्या हैं?

मंकीपॉक्स के लक्षण चेचक के तरह के ही होते हैं, लेकिन इसके जितने गंभीर नहीं। यह बीमारी बुखार, सिर दर्द मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, लिम्फ नोड्स में सूजन, ठंड लगना, और थकावट के साथ शुरू होती है। ऊष्मायन अवधि बुखार के 1 से 3 दिनों के बीच होती है। 

मंकीपॉक्स के लक्षण क्या हैं?

मंकीपॉक्स के लक्षण चेचक के तरह के ही होते हैं, लेकिन इसके जितने गंभीर नहीं। यह बीमारी बुखार, सिर दर्द मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, लिम्फ नोड्स में सूजन, ठंड लगना, और थकावट के साथ शुरू होती है। ऊष्मायन अवधि बुखार के 1 से 3 दिनों के बीच होती है। 

मंकीपॉक्स के लक्षण क्या हैं?

रोगी के शरीर पर चकत्ते विकसित होते हैं, जो चेहरे से शुरू होकर शरीर के अन्य भागों में फैलने लगते हैं। घाव, मैक्यूल, पपुल्स, वेसिकल्स, पस्ट्यूल और स्कैब के माध्यम से आगे बढ़ते हैं। रोग 2-4 सप्ताह तक रहता है। 

मंकीपॉक्स कैसे फैलता है?

क्योंकि मंकीपॉक्स एक ज़ूनोटिक बीमारी है, इसमें जानवर से मानव में फैलने की क्षमता होती है। यह शरीर में त्वचा के घाव, श्वसन पथ, आंख, नाक या मुंह के माध्यम से प्रवेश करता है।

रोगी के शरीर पर चकत्ते विकसित होते हैं, जो चेहरे से शुरू होकर शरीर के अन्य भागों में फैलने लगते हैं। घाव, मैक्यूल, पपुल्स, वेसिकल्स, पस्ट्यूल और स्कैब के माध्यम से आगे बढ़ते हैं। रोग 2-4 सप्ताह तक रहता है।

मंकीपॉक्स के लक्षण क्या हैं?

क्योंकि मंकीपॉक्स एक ज़ूनोटिक बीमारी है, इसमें जानवर से मानव में फैलने की क्षमता होती है। यह शरीर में त्वचा के घाव, श्वसन पथ, आंख, नाक या मुंह के माध्यम से प्रवेश करता है। 

मंकीपॉक्स के लक्षण क्या हैं?

पशु से मानव में रोग का संचरण काटने, खरोंचने, घाव और प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संपर्क के माध्यम से हो सकता है। इस रोग का मानव से मानव में फैलने की संभावना सीमित है, लेकिन संक्रमण श्वसन की बूंदों और प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संपर्क के माध्यम से होता है। 

मंकीपॉक्स के लक्षण क्या हैं?

मंकीपॉक्स से कैसे बचा जा सकता है? ऐसे जानवरों के संपर्क से बचें, जो वायरस को फैलाने का काम कर सकते हैं। बीमार जानवरों से डायरेक्ट या इनडायरेक्ट संपर्क से बचें। जो लोग संक्रमित हो जाते हैं, उन्हें स्वस्थ लोगों से दूर रखें यानी उन्हें आइसोलेशन में रखें। हाथों की सफाई पर खास ध्यान दें।

मंकीपॉक्स का इलाज क्या है? अभी तक मंकीपॉक्स का कोई इलाज उपलब्ध नहीं है। हालांकि, स्मॉलपॉक्स वैक्सीन, एंटीवायरल्स और VIG का उपयोग प्रकोप को रोकने के लिए किया जाता है।