Heropanti 2 Review : Star Performance Tiger shroff ने अपने बॉडी मूव का बढ़िया प्रदर्शन किया और उनकी बॉडी कितनी ज्यादा फ्लैक्सिबल है

देखा जाए तो फिल्म का कोई प्लॉट नहीं है पूरी फिल्में टाइगर श्रॉफ को नाचते गाते और रोमांस करते हुए ही दिखाया जाता है.

टाइगर श्रॉफ की फिल्म 'हीरोपंती 2' रिलीज हो गई है। इस फिल्म में टाइगर के साथ तारा सुतारिया नजर आई हैं। 

Movie Review- हीरोपंती 2 कलाकार-  टाइगर श्रॉफ , तारा सुतारिया और नवाजुद्दीन सिद्दीकी लेखक-   साजिद नाडियाडवाला और रजत अरोड़ा निर्देशक- अहमद खान निर्माता-  साजिद नाडियाडवाला  रिलीज डेट-   29 अप्रैल 2022 रेटिंग-   1.5/5

फिल्म ‘हीरोपंती 2’ इसकी कड़ी पहली फिल्म ‘हीरोपंती’ से जुड़ती है कहानी के नायक बबलू राणावत के चलते। वह एथिकल हैकर है या इसका गेम खेल रहा है, ये जानना आपके लिए जरूरी भी नहीं है और न ही ये जरूरी है कि फिल्म का/की विलेन लैला ने सारे देशवासियों के खाते 31 मार्च को ही खाली कर देने का ख्याल आखिर 21वीं सदी के 22 साल बीतने के बाद सोचा भी कैसे होगा।

लेकिन, कहानी खुद फिल्म के निर्माता ने लिखी हो तो भला किसकी मजाल जो कहानी पर उंगली उठाए। रजत अरोरा का नाम पोस्टर पर जाने से भी फिल्म की ब्रांड वैल्यू बढ़ती है, लेकिन संवाद उनसे पूरी फिल्म में एक भी ढंग का ना लिखा गया। लैला की बहन से बबलू की आशिकी है। पूरी कहानी ऐसी है कि दर्शक आंख मूंदकर बता सकता है कि इस सीन के बाद क्या होगा

फिल्म ‘हीरोपंती 2’ के निर्देशन की कमान इस बार अहमद खान के पास है। कोरियोग्राफर वह ठीकठाक रहे हैं। फिल्म भी उन्होंने कोरियोग्राफी वाली स्टाइल में ही बनाई है। तीन चार गानों और दर्जन भर लड़ाइयों की कोरियोग्राफी के बीच वह कहानी का चूरन छिड़कते रहे हैं। पूरी फिल्म का कोई निर्देशक है भी, ये सिर्फ वहीं लगता है जब बबलू और उसकी मां के सीन आते हैं।

ये सीन इतने लंबे हैं कि समझ आने लगता है कि वाकई फिल्म में कोई निर्देशक है और वह अहमद खान हैं। हिंदी की फिल्मों से निकला मां बेटे की ममता वाला दक्षिण की फिल्मों में खूब हिट हो रहा है। ये एंगल अरसे बाद हिंदी में लाने की ऐसी बेतरतीब कोशिश साजिद की फिल्म में ही हो सकती है।

फिल्म में ले देकर कुछ देखने की उम्मीद बंधती है तो वह होती है टाइगर श्रॉफ और नवाजुद्दीन सिद्दीकी से।  और, उनका रोल भी इसीलिए फिल्म बनाने वालों ने इन उम्मीदों पर बिल्कुल खरा उतरते हुए उतना ही रखा। टाइगर श्रॉफ को इस फिल्म में देखकर लगता है कि वह अपने पिता जैकी श्रॉफ की तरह अपना करियर खुद ही तबाह करने निकल पड़े हैं।

नवाजुद्दीन सिद्दीकी को देखकर समझ आता है कि आखिर वह ऐसी फिल्में क्यों करते हैं। इंटरव्यू में उन्होंने अपने ‘व्हाइट हाउस’ के बारे में बताया भी था। हाथों में नेलपेंट और गालों पर लाली लगाकर लैला बने नवाजुद्दीन सिद्दीकी ही इस फिल्म को आखिर तक देखने की वजह भी बनते हैं।उनको पता है कि उनके आसपास रायता ज्यादा ही फैल रहा है, लेकिन वह हर फ्रेम में बस अपने काम पर फोकस करते दिखते हैं। 

देखें कि न देखें फिल्म ‘हीरोपंती 2’ को देखें कि न देखें का तो सवाल भी मन में नहीं आना चाहिए। अपनी मेहनत की कमाई कहीं और लगाइए और कुछ न समझ आए तो घर के स्मार्ट टीवी पर ‘डॉक्टर स्ट्रेंज’ फिर से देख डालिए। इसकी सीक्वेल 6 मई को रिलीज होने वाली है।