दीपक को केतली पहलवान भी कहा जाता था. वह बचपन में पतले-दुबले थे, मगर उनमें काफी फुर्ती थी. इस वजह से उन्हें केतली पहलवान कहते थे. 

एक ही दिन में तीन गोल्ड समेत कुल 6 मेडल अपनी झोली में डाल लिए. इनमें गोल्डन बॉय 'केतली पहलवान' ने भी सभी को अपना मुरीद बनाया. 

दीपक पूनिया को ही उनके गांव में केतली पहलवान कहा जाता है. गांव वालों ने दीपक को बचपन से ही केतली पहलवान बुलाना शुरू कर दिया था. 

दीपक के पिता और दादा भी पहलवान थे और यही वजह थी कि महज 4 साल की उम्र से ही दीपक पहलवानी में दिलचस्पी लेने लगे थे. 

दीपक ने जब अपना पहला दंगल जीता था, तब उन्हें इनाम के 5 रुपये मिले थे. हरियाणा के गांव में जन्मे दीपक का उस दंगल से CWG गोल्ड का सफर बहुत मुश्किल रहा है. 

उनके पिता दीपक दूध बेचा करते थे, परिवार में आर्थिक तंगी भी रहती थी. कम उम्र में ही दीपक ने दंगल में भाग लेना शुरू कर दिया, ताकि परिवार की मदद हो सके. 

51 की उम्र में ढाती है कहर

दीपक को केतली पहलवान भी कहा जाता था. वह बचपन में पतले-दुबले थे, मगर उनमें काफी फुर्ती थी. इस वजह से उन्हें केतली पहलवान कहते थे.